प्यार करने वालो के लिए विशेष प्यार करने वाले अवश्य पढ़ें
इवेंट पोस्ट पुस्तक
मैं आज ऐसी पुस्तक की बात करने जा रहा हूं जो अब तक पूरे विश्व से अनजान है गुमनाम है
लव इज माय लाइफ
ए ब्यूटीफुल लव स्टोरी
नमस्कार मेरे सभी भाइयों बहनों प्यारे मित्रों
मैंने सुना भी है और अनुभव भी किया है कि मनुष्य प्रेम के बिना जी नहीं सकता है मैं स्वयं मनुष्य हूं इसलिए मुझे इस सबसे बड़ी खुशी को पहचानने में देर नहीं लगी
मेरा यह उपन्यास उन सभी को समर्पित है जो आपस में प्रेम करते हैं विश्वास करते हैं जो खुश रहते हैं जो उम्मीद रखते हैं जो अपने आप पर यकीन करते हैं जो समझने की कोशिश करते हैं
प्रेम किसी एक रिश्ते की घोषणा नहीं करता है प्रेम सभी रिश्तो का प्रतिनिधित्व करता है आपसे वही यह समझ सकते हैं कि ऐसा कौन सा रिश्ता है जिसमें सबसे प्रमुख प्रेम नहीं है प्रेम विश्व व्यापक है सर वह में हो कर भी हमारी कमजोर समझ के कारण हम सबके बीच एक रहस्य का विषय बन कर रह गया है मैंने हम सबके बीच में प्रेम को समझने की कमी का अनुभव किया है इसलिए प्रेम के वास्तविक स्वरूप को आपके सामने प्रस्तुत करने का प्रयास किया है
मेरे इस उपन्यास का उद्देश्य मनोरंजन कतई नहीं है क्योंकि व्यर्थ की बातों के लिए मेरे पास समय नहीं है और आपका अनमोल समय गांव आने का भी मुझे अधिकार नहीं है जो छाई को समझते हैं जो अपने जीवन के उद्देश्य को विशेष मानते हैं जो इस संसार में कुछ विशेष करना चाहते हैं और जो सुबह के समय को अनुमोल मानते हैं जो सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं जो समस्याओं से बिना भाग्य उनका समाधान मिलते हैं मैं यह उपन्यास ऐसे ही चेतन जी लोगों के लिए लेकर आने वाला हूं
इस संपूर्ण ब्रह्मांड में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसमें कारण माध्यम नहीं है आप में और हम सब जो भौतिक भौतिक रूप से वर्तमान हैं या नहीं है किसी कारण से ही हैं कारण का अर्थ समय के तीनों प्रारूपों से है जो हमेशा था हमेशा है और हमेशा रहेगा
आज मेरे पास इस कहानी के माध्यम से एक ऐसा कारण है जिसका संबंध संपूर्ण संसार के संपूर्ण मनुष्यों से हैं यह सामाजिक कारण मानव समाज के लिए बहुत ही लाभकारी और शिक्षा बंद है वह कारण यह है कि जिस कारण आज हम सभी मनुष्य जुड़े हैं उसे में एक बहुत ही रोचक कहानी के रूप में पहने जा रहा हूं जिसे आज तक ना तो किसी ने लिखा है ना ही किसी ने सुना है ना ही किसी ने पढ़ा है और ना ही किसी ने सोचा है
इस कारण पर मेरा यह निश्चय कितना सत्य है कितना असत्य है इसे भविष्य सिद्ध करेगा पर यह मेरा प्रयास अकारण नहीं है यही सत्य है
इसी उपन्यास की एक कविता आपसे साझा कर रहा हूं
गौर से देखो दुनिया वालों यहां पर वह सच्चाई है
भूल गई जिसे दुनिया सारी यहां पर वह अच्छाई है
छोटे-छोटे घर हैं इनके हर आदमी दिलदार है
किसी के घर भी खाना खा लो सब में बड़ा प्यार है
नहीं आती बेईमानी इनको मेहनत की ही खाते हैं
एक रोटी को भी सब मिल बांट कर खाते हैं
इनसे सीखो मानवता की असली क्या सच्चाई है
देखो इनके बच्चों को फटे पुराने कपड़े पहनते हैं
फिर भी किसी से जलते नहीं खुश होकर घूमते फिरते हैं
सर्दी गर्मी धूप छांव कहां इन्हें सताती है
न जाने क्या पास है इनके जो हमेशा इन्हें हंसाती है
क्या यह जीने की कला तुमने अपने बच्चों को सिखाई है
नहीं आती नफरत इनको सब में भाईचारा है
क्या होता है तेरा मेरा जो भी है हमारा है
मिलजुल कर रहते हैं सब एक दूजे का सहारा है
ईद दिवाली साथ मनाएं कहां ऐसा नजारा है
क्या तुमने भी कभी ईद और दीवाली एक साथ मनाई है
ईट पत्थर फावड़े हथौड़े से जो दिन भर खेलते हैं
नाम होता है पैसे वालों का पर काम मजदूर करते हैं
इनकी मेहनत की कीमत देने में सभी झीझकते हैं
फिर कैसे जिए बेचारे अपनी किस्मत पर हंसते हैं
क्या सच में यह बड़ी-बड़ी इमारत पैसे वालों ने उनके हाथों से बनाई है
जो दिन दिन भर कुर्सी पर बैठे चाय समोसा चिपकाते हैं
घर आकर बीवी से कहते बड़ी मेहनत करके आते हैं
एसी कूलर पंखे की हवा में जो बैठे-बैठे थक जाते हैं
दिन भर कड़ी धूप में यह गरीब अपना पसीना बहाते है
मुझे लगता है ऐसी कूलर में बैठकर तुमने केवल अपनी तोन बढ़ाई है
ना दौलत ना गाड़ी मोटर फिर भी मालामाल है
ऊंच-नीच का भेद नहीं है यह भी एक कमाल है
बड़ी अनोखी बात है क्या कोई ऐसे भी रह सकता है
किसके पास है सोच ऐसी जो इन्हें समझ सकता है
क्या ऐसी जीने की कला तुम्हें किसी ने सिखाई है
ना नियत में खोट इनकी दिल भी पाक साफ है
लूट लो इनको चाहे जैसे हर गलती माफ है
अपना पसीना बहा करिए हमें कार में घूम आते हैं
मजबूरी के मारे यह लोग दर-दर ठोकर खाते हैं
क्या सच में तुमने यह दौलत पसीना बहाकर कमाई है
जो समझते हैं हम बेहतर हैं इन्हें जीने का कोई हक नहीं
अनपढ़ गवार जाइलो का दुनिया में कोई हक नहीं
इनका भी हक है उतना जितना हक तुम्हारा है
इनकी मेहनत के दम से ही सारे जहां में उजियारा है
क्या पढ़ लिखकर तुमने केवल नफरत ही कमाई है
कोई काम वाली बनकर सफाई करें और बर्तन कपड़े धो जाए
कोई बावर्ची बनकर तुम्हें जगाए गुड मॉर्निंग कह कर चाय पिलाए
तुम्हारी पसंद का खाना बनाएं और तुम सबको साथ बैठाकर खिलाए
ड्राइवर बंद कर तुम्हें घूमाये फिराये कोई रात को पहरेदारी कर तुम्हें सुलाये
इन गरीबों के दम से ही हो तुम क्या तुम्हें मेरी बात समझ आई है
स्वरचित
चेतन श्री कृष्णा
यह कविता काफी बड़ी है और इसे पूरा पढ़ने के लिए आपको मेरा उपन्यास पढ़ना पड़ेगा
#Chetanshrikrishna
#Mainlekhakhun
Pratikhya Priyadarshini
22-Sep-2022 12:07 PM
Achha likha hai 💐
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आँचल सोनी 'हिया'
22-Sep-2022 01:19 AM
Achha likha hai 💐
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नंदिता राय
20-Sep-2022 09:33 PM
बहुत खूब
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